तेरी तस्बीर हर जगह नज़र आती है ,
तेरी यादे हर पल सताती है
मुझे सीने से लगाने वाली ,
आज आँखों से दूर रहने को कहती हो |
मेरे करीब आकर देख अपने ,मुहब्बत का सिद्दत |
मेरा दिल कितना धरकता है , एक तेरे नाम के साथ |
पशुपति नाथ झा |
मुहब्बत का सिद्दत |