हमारी चाहतो को फिर से , तुम आजमालो ना | पर पोस्ट किया गया दिसम्बर 10, 2015 द्वारा Pashupati Nath Jha हमारी चाहतो को फिर से , तुम आजमालो ना | निगाहों से गिरा कर के भी, दिल में बसा लो ना | नही लगता कही भी दिल है पत्थर सा हमारा दिल | तुम्ही बोलो भला किसी गैर से अब ये दिल लगाए क्यों | इसे शेयर करे:TwitterFacebookपसंद करें लोड हो रहा है...