मासिक पुरालेख: दिसम्बर 2015
एक तू है एक तेरी यादे |
एक तू है एक तेरी यादे , तू है की आती नही तेरी यादे जाती नही |
फर्क बस इतना है ,तेरे होने का एहसास ख़ुशी पर तेरी यादे तडपाती है |
तश्बीर को तेरी इश दिल से मै मिटाऊ क्यों |
दफा हर वक़्त तुम ने ही इश दिल में रंग बिखरे हो ,
तुम्ही कह दो भला इश दिल से तुमको यु मिटाए क्यों |
मिटा दू याद वो सारी जो दिल में साज गाते है ,
पर तश्बीर को तेरी इश दिल से मै मिटाऊ क्यों |
फुर्षत में पूछना अपने दिल का पता |
हकिकत बतलाता है आयना,
फुर्षत में पूछना अपने दिल का पता |
साथ ही तो माँगा था |
कहा माँग लिया कायनात जो इतनी मुस्किल हुवा ए – खुदा |
सिसकते हुये शब्दों से शख्स का साथ ही तो माँगा है |
रुला देती है तेरी कमी |
तेरी यादो को पसंद आ गयी , मेरी आँखों की नमी |
हँसना भी चाहू अब , तो रुला देती है तेरी कमी |