श्रेणी पुरालेख: लघु शायरी
बस एक चाहत तुम हो |
100 दर्द है मुहब्बत में ,बस एक राहत तुम हो |
नफरते बहुत है जहा में, बस एक चाहत तुम हो |
तू है मेरी प्रेम की भाषा |
और कितना सताओगी हमें तुम |
सूखे फूलो की खुशबू सा महक रहा आज मेरा मन ,,,,,,,,
तेरी याद में इस कदर मुरझा गए ,,,, और कितना सताओगी हमें तुम |
एक आदत है तुझे याद करने की |
बड़ी तब्दीलिया लाया हु अपने आप में ,
पर एक आदत है तुझे याद करने की , जो कभी जाएगी नही |
मेरे मुहब्बत की कहानी को यु अधुरा न छोर |
अगर तेरे कलम की स्याही ख़त्म है ,तो मेरा लहू ले ले ऐ-खुदा |
पर मेरे मुहब्बत की कहानी को यु अधुरा न छोर |
बहता हवा का झोखा हु |
लाख बंद करो दोस्ती के दरवाजे ,
मैं तो बहता हवा का झोखा हु , दरारों से भी आजाऊंगा |
काश तुम मेरे आयने में बसी होती |
दूर तुमसे कैसे रह पाए , दिल से तुमको कैसे भूल जाए |
काश तुम मेरे आयने में बसी होती ,खुद को देखू और तू नज़र आए |
जरुरत नही हर चाहत का मतलब इश्क हो |
जरुरत नहीं हर चाहत का मतलब इश्क हो ,
कुछ नादान रिश्तों के लिए भी दिल बैचैन होता है |