काश तुम मेरे आयने में बसी होती | पर पोस्ट किया गया जनवरी 7, 2016 द्वारा Pashupati Nath Jha दूर तुमसे कैसे रह पाए , दिल से तुमको कैसे भूल जाए | काश तुम मेरे आयने में बसी होती ,खुद को देखू और तू नज़र आए | इसे शेयर करे:TwitterFacebookपसंद करें लोड हो रहा है...