तश्बीर को तेरी इश दिल से मै मिटाऊ क्यों |

दफा हर वक़्त तुम ने ही इश  दिल में रंग बिखरे  हो ,

तुम्ही कह दो भला इश  दिल से तुमको यु मिटाए क्यों |

मिटा दू याद वो सारी जो दिल में साज गाते है ,

पर  तश्बीर को तेरी इश  दिल से मै मिटाऊ  क्यों |

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