हमें तरपाया न करो | पर पोस्ट किया गया जनवरी 8, 2016 द्वारा Pashupati Nath Jha सुनो….. या तो सपने में आओ , या खुद आजाया करो , यु रोज-रोज यादों में आकर,हमें तरपाया न करो….नींद नही आती | इसे शेयर करे:TwitterFacebookपसंद करें लोड हो रहा है...