तुम्हारी याद आती है |

 तुम पास आओगी , तुम जरुर आओगी |

तुम्हारी इठलाती बातो संग , चहकती वो सतरंगी हशी  हमें याद आती है|

तुम्हारे नानी – दादी की कहानियो संग , हमारा नींद में जाना हमें याद आती है |

फासलों के रहते भी  तुम हमारे आस-पास थी , पर वो सारे  फासले हमें याद आती है |

खुशिया न जाने कहा खो गयी  , गम लाखो सीने में दफ़न है , पर वो सारी खुशियां हमें याद आती है |

हर पल ये यादे हमें एहसास देती है , हम पास आएँगे ,अब ये यादे नहीं तुम पास आओगी , तुम जरुर आओगी |

पशुपति नाथ झा |

 

 

तुम याद आती है , रश्मी ,रश्मी ,rashmi,rashmiiiii

तुम याद आती है

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