अब तु ही रहनुमा है ! पर पोस्ट किया गया नवम्बर 27, 2015 द्वारा Pashupati Nath Jha १.जीने का मेरे तु ही वजह है ,वजह मेरे मरने का अब तु ही , तु ही मेरा दिल , तु ही मेरी जान, अब तु ही रहनुमा है | २.हर पल है सोचा तुमको , हर पल है चाहा ,दुआओं में रब से अपने तुमको है माँगा , तु ही मेरा दिल , तु ही मेरी जान, अब तु ही रहनुमा है | 3.आशिक हु तेरा मैं , आशिकी तु मेरी है , तुझ पे ख़त्म अब मेरी जिंदगानी है , तमन्ना है पाना तुमको , हर ख़ुशी तुझपे लूटाना ,तेरी ख़ुशी को अपना ख़ुशी है बनाना , तु ही मेरा दिल , तु ही मेरी जान, अब तु ही रहनुमा है | ४. तु न मिली जो मुझको , जी तो मैं लूँगा , कल तक मेरी थी तु ये ख़ुशी तो रहेगा , ये कश्मे ये वादे सारे संभाले रखूँगा , कल फिर मेरी हो तु ये दुआ रब से करूँगा , तु ही मेरा दिल , तु ही मेरी जान, अब तु ही रहनुमा है | ५. वादा है मेरा तुमको,चाहूँगा हर पल,सनम अब ये अब तु ही रहनुमा है दिल है तेरा सातो जनम तक | तु ही मेरा दिल , तु ही मेरी जान, अब तु ही रहनुमा है | जीने का मेरे तु ही वजह है ,वजह मेरे मरने का अब तु ही ,,,,,,,,,,,,,,,,, इसे शेयर करे:TwitterFacebookपसंद करें लोड हो रहा है...